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  अब रिस्क मैनेजमेंट पर बात कर लेते हैं ये बहुत जरूरी है आपके पास एक लाख रुपए है तो आप केवल पांच हजार से काम करे । ये तरीका ही आपको सफलता की ओर ले जाएगा । ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा जरूरी हैं रिस्क मैनेजमेंट कितना ही अच्छा सेटअप बन रहा हो लेकिन आपका रिस्क मैनेजमेंट खराब है तो आप तोड़ी देर में बाहर निकल जाओगे । ओर आप सही रिस्क के साथ ट्रेड लेते हो तो आपको कोई डर नहीं लगेगा । क्योंकि मार्केट में इन्हीं चीजों का पैसा मिलता है । सपोर्ट रजिस्टेंस , प्राइस एक्शन,सब कौन नहीं जानता लेकिन रिस्क मैनेजमेन की वजह से मार्केट में टिक नहीं पाते हैं ।  अब बात करते हैं मार्केट में ट्रेडिंग के लिए कितने पैसे की जरूरत होती हैं । मेरा मतलब है कि आप कम से कम ओर अपना पैसा लेकर आइए लोन ओर ब्याज से कभी ट्रेड नहीं करे और धंधे में चलेगा लेकिन यह कोई चांस नहीं होता है । ओर यहां कोई ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं होती क्योंकि ज्यादा पैसा लेकर आया है । वो मार्केट को देकर ही गया है । जब आप थोड़े पैसे से सीखने के बाद काम करते है तो जो आपने कमाया है उसी पर रिस्क ले सकते हैं तो आपको फिर कैपिटल का तो कोई खतरा ही नहीं...

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 सपोर्ट एंड रजिस्टेंस भी बहुत काम की चीज होती है । चलो देखते हैं ये कैसे काम करता है । पहले ये समझ ले कि सपोर्ट एंड रजिस्टेंस होता क्या है बहुत लोगों को तो ये सही समझ ही नहीं आत है क्योंकि वो किसी लेवल को पकड़ कर भेंट जाते हैं । लेकिन ऐसा नहीं होता है । सपोर्ट एंड रजिस्टेंस की एक लेवल नहीं होता एक एरिया होता है उसके आस पास तोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है । मुझे लगता है कि मार्केट में सबसे ज्यादा लोग यही नुकसान करते हैं । जो नए लोग आते है वो देखते हैं कि मार्केट रजिस्टेंस को निकाल दिया है अब ट्रेड ले लेते हैं क्योंकि की कभी कभी मार्केट सीधा निकल जाता है । ओर लोग उसमें फंस जाते हैं । ओर फिर मारके रिटेस्ट करने आ जाता है । ओर स्टॉप लॉस हिट कर देता है । ओर फिर मार्केट ऊपर चला जाता है । ओर लोग फेक ब्रेकआउट या फेक ब्रेकडाउन में फंस जाते है । ज्यादातर करके ऐसी जगह पर सीधा नहीं निकलता रिटेस्ट करके जाता है । साइडवेज मार्केट को भी जानना बहुत जरूरी होता हैं। क्योंकि मार्केट कही नहीं जा रहा है साइडवेज पड़ा है तो लॉस तो होगा ही तो इसी टाइम लोग मारके से लड़ने झगड़ने लगते हैं । की आज मुझे लॉस कैसे ...

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 अब मार्केट में काम कैसे करते हैं वो देखते हैं मेरे अनुभव के हिसाब से चार्ट सबसे अच्छा तरीका है । जिसमें कोई इंडिकेटर न लगाए कोई मूविंग एवरेज नहीं हो तो ओर भी बढ़िया होगा। में यह इंट्राडे ऑप्शन ट्रेडिंग की बात कर रहा हु आप स्टोक का चार्ट भी देख सकते हो । सबसे पहले आपको डे टाइम में चार्ट को देखना होगा । इससे ये क्लियर हो जाएगा कि मार्केट कहा है । ओर ट्रेड किस तरफ का चल रहा है । आपको ये ध्यान रखना होगा कि ज्यादातर ट्रेड मार्केट के ट्रैंड के हिसाब से ही लेना चाहिए । जैसे मार्केट ऊपर जा रहा है और आप पुट का सेटअप ढूंढ रहे हो तो ज्यादातर आपके स्टॉप लॉस ही हिट होंगे । इसलिए मारके के साथ चलना बेहतर होता है । जब मार्केट ऊपर जा रहा हो तो ज्यादातर सपोर्ट काम करता है । जल्दी मार्केट सपोर्ट को ब्रेक नहीं करता है । ओर मार्केट नीचे जा रहा हो तो रजिस्टेंस काम करता है । मतलब ज्यादातर मार्केट रजिस्टेंस ब्रेक नहीं करता है । वहीं से घूम जाता है । जब मार्केट कल की क्लोजिंग से ऊपर ओपन होता है तो ज्यादातर मार्केट ऊपर ही जाता हैं । या क्लोजिंग से घूम कर ऊपर चला जाता है । ओर जब मार्केट कल की क्लोजिंग से न...
 ये बात सही है कि जितना पैसा शेयर बाजार में है उतना पैसा किसी धंधे में नहीं है लेकिन गलती क्या होती है लोग यहां पैसा कमाने के लिए आते है। सीखना कोई नहीं चाहता । ओर केवल सीखने से यहां काम नहीं चलता डिसीजन लेना पड़ता है । आपने जो सिखा है उस को फॉलो कर रहे हो या प्रॉफिट लॉस के जाल में फसते चले जा रहे हो। यहां लॉस होगा लेकिन प्रॉफिट भी होगा । आपको इन दोनों पर ही ध्यान नहीं देना है । आप ये देखे कि आप ने जो एनालिसिस किया था मार्केट वैसा करता है या नहीं । अगर मार्केट आपके हिसाब से सही चल रहा है तो ट्रेड में बने रह सकते हो ओर आपके हिसाब से नहीं चल रहा है तो छोटा मोटा लॉस लेके बाहर निकल सकते हो । आपको मार्केट से झगड़ना नहीं है जब आपके हिसाब से मार्केट चलेगा तब आप प्रॉफिट बना सकते हो । लेकिन गलती यहां ही होती है ।जब आपका लॉस हो जाता है तो आप बार बार ट्रेड लेते हो ओर ऐसे करते करते ओवरट्रेडिंग हो जाती हैं । एक दिन में एक या दो ही ट्रेड की लिमिट रखे । अगर आप नए हो तो ऑप्शन में न आए पहले स्टोक से सीखे क्योंकि वहां प्रॉफिट लॉस का जाल खत्म हो जाता है । ओर आप अच्छे से सिख पाओगे । कभी भी ऐसे में ट्र...